एक परिचय

वैसे तो भारत में एक ही धर्म है। वह है सनातन धर्म लेकिन जैसे-जैसे समय बदला, वैसे-वैसे धर्म की परिभाषा भी बदलने लगी। कुछ लोगों ने अलग विचारधारा को लेकर के सनातन धर्म को आहत किया और उसके समक्ष एक नया धर्म बनाने की कोशिश की ।हालांकि भारतीय इतिहास में इसे पंथ कहा गया लेकिन जो सच है, वह है कि सरकार और कानून इस पंथ को धर्म के नजरिए से ही देखते हैं और उसे स्थापित करने का प्रयास करना चाहते है कि यह भी एक धर्म है, जो भारत में विद्यमान है। पूरे विश्व को इसे समझ लेना चाहिए, इसमें से कई पंथ ऐसे हैं जो पहले से ही विश्व में व्याप्त है, जिनका भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म से कुछ लेना देना नहीं है। वह जिन विचारधाराओं के पोषक हैं वह सनातन धर्म से बिल्कुल ही अलग है।

यह वेबसाइट सनातन धर्म को छोड़कर किसी भी धर्म को जिसे सरकार ने या कानून ने मान्यता दी है उसे मानने की बात नहीं करता है ।विचारों में मतभेद हो सकता है, रास्ते अलग हो सकते हैं लेकिन सनातन धर्म से वह अलग नहीं हो सकता ।संस्कार और संस्कृति उसके पहचान को जो अलग करते हैं। वह सनातन धर्म से ही है । हम भारतीय धर्म संघ के माध्यम से देश में चलने वाले सभी पंथों का स्वागत करते हैं और आशा करते हैं कि आने वाले भविष्य में यह भारतीय धर्म संघ एक नई पहचान को जन्म देगा।

अब बात करते हैं इसके कार्यशैली की तो, यह धर्म संघ तीन तरह के सदस्य बनाएगी। डायमंड सदस्य, गोल्डन सदस्य और सिल्वर सदस्य। सिल्वर सदस्य अपने जिला का कार्य देख सकता है। गोल्डन सदस्य अपने प्रदेश का कार्य देख सकता है और डायमंड सदस्य पूरे देश का कार्य देख सकता है। यह सदस्य अपने-अपने क्षेत्र में होने वाली धार्मिक गतिविधियों पर नजर रखेंगे और उनका प्रकाशन भारतीय धर्म संघ की वेबसाइट पर कराएंगे। यह भारतीय धर्म संघ द्वारा नियुक्त किए जाएंगे और अपना कार्य करेंगे। जिसके लिए इन्हें पहचान पत्र व अन्य सुविधाएं भी प्रदान की जाएगी।

हमारी टीम

पुरुषोत्तम दास जी महाराज शिवपुरी मध्य प्रदेश में एक आश्रम संचालित करते हैं और अयोध्या से मणिराम छावनी के द्वारा जाने जाते हैं ।महामंडलेश्वर में वह सम्मानित महंत के रूप में जाने जाते हैं ।

दुर्गेश गिरी जी आहवाहन अखाड़े के थाना पति है और बिहार में रहते हैं ।इसके अलावा वह उत्तर प्रदेश महाराष्ट्र और झारखंड के कई आश्रमों की देखरेख का भी कार्य करते हैं। 

विनय पंडित जी स्वर्गीय शंकराचार्य माधवाश्रम जी के करीबी रहे और अध्यात्म जगत में उनकी एक ख्याति प्राप्त पहचान है। देश के बड़े-बड़े संत उन्हें जानते हैं।

जानकी शरण अग्रवाल जी का आध्यात्मिक क्षेत्र में बहुत ज्यादा महत्व है और शंकराचार्य पर चल रहे विवाद में वह अपना पक्ष न्यायालय में रखते हैं और एक ऐसी लड़ाई लड़ रहे हैं जिसमें फर्जी शंकराचार्य की पहचान होनी है।

मनोहर मेहर जी भोपाल मध्य प्रदेश की बड़ी हस्तियों में गिने जाते हैं ।प्रसिद्ध समाज सेवी होने के साथ-साथ वह आरएसएस के कार्यकर्ता भी है , समय-समय पर वह धार्मिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेते रहते हैं और समाज सेवा करने से कभी पीछे नहीं हटते।

अरविंद तिवारी जी दिल्ली में आरएसएस के पुराने कार्यकर्ता हैं उन्होंने कुटुंब प्रबोधन, धर्म जागरण मंच के अलावा आरएसएस की कई शाखों में महत्वपूर्ण पदों पर काम किया है

विजय शर्मा जी हरियाणा के रहने वाले हैं और उन्होंने हरियाणा के लिए काफी अच्छे कार्य कर रखे हैं ।उनका एजीलो फाउंडेशन शिक्षा जगत में एक अच्छा स्थान अर्जित कर रहा है ।

गिरीश भारद्वाज जी एक समाजसेवी है और दिल्ली के पालम क्षेत्र में रहते हैं। अपने सरल स्वभाव के कारण वह राजनीति से जुड़े हुए लोगों के लिए काफी लाभप्रद रहते हैं ।